कई बार उसे आग में जलाया गया
दीवार में चिनाया गया
पर हर बार वह लौट आया
हँसता, दमकता हुआ.
कई बार उसपर गोलियाँ दागी गयीं
वह नहीं मरा
कई बार उसे तलवार से काटने के लिए
हाथ आगे बढे
और बीच में ही झूलते रह गए
आग ने उसे तेजोदीप्त किया
दीवार ने पुख्ता बनाया
गोली ने तेज़ी दी
और तलवार ने धार.
सबसे ऊपर रहा
उसकी किलकारियों का आकाश
धूमकेतु उसका कुछ न बिगाड़ सका
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[दिल्ली, 1979]
शनिवार, 23 अगस्त 2008
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