बुधवार, 20 अगस्त 2008

हमशक्ल / शैलेश ज़ैदी [लघु कथा]


टाडा की साँस रुक गई थी. आँखें खुली रह गई थीं और ज़बान मुंह से बाहर निकल आई थी. पोटो ने टाडा की यह स्थिति देखी तो उसे अपने पूरे शरीर में एक झुरझुरी सी महसूस हुई.
ठायं..ठांय, . रक्त, धमाका भगदड़ और कंपकंपाती चीख.. हे राम !
पोटो ने इधर उधर दृष्टि दौडाई. गांधी नाथू, गांधी बेंत सिंह, गांधी आत्मघाती बम, लहू-लुहान शरीर, चीथड़े की तरह उड़ता शरीर ! गांधी होना कितना बड़ा अपराध है. गांधीवाद जिंदाबाद ! मी गोडसे बोलतोय ! उसे लगा की उसके भीतर भी एक गोडसे छुपा हुआ है जो उसे बता रहा है की राष्ट्रपिता होना राष्ट्रवादी होना नहीं है.
पोटो ने पीछे मुड़कर देखा. राजघाट से सदभावना स्थल तक सन्नाटा सायं-सायं कर रहा था. उग्रवाद और आतंकवाद के मध्य का फासला उसकी खोपडी में घुस कर नृत्य करने लगा. राजनीति के गूढ़ रहस्य उसपर खुलने लगे. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद संहारमूलक है. और आसुरी शक्तियों का संहार ही भारतीयता है. आसुरी शक्तियां ! पोटो बडबडाया. तालिबान और कश्मीर आसुरी शक्तियों की ही उपज हैं.
पोटो ने एक बार फिर टाडा के ठंडे शरीर पर उचटती दृष्टि डाली. खादी का उजला वस्त्र मटमैला हो चुका था. कुरते की ऊपरी जेब से जो समय की रगड़ खाकर कुछ फट सी गई थी, चांदी का त्रिशूल साफ़ झाँक रहा था. पोटो ने झुक कर त्रिशूल अपने अधिकार में कर लिया और उसपर खुदी लिखावट को पढ़ने का प्रयास करने लगा. रक्त पीने, रक्त में स्नान करने और रक्त का चंदन लगाने के सारे नियम वह एक साँस में पढ़ गया.
पोटो यह देख कर आश्चर्यचकित रह गया की त्रिशूल से रक्त की एक ताज़ा धार निकलकर उसकी हथेली में पेवस्त हो गई. उसने त्रिशूल को दोनों आंखों से लगाया और फिर चूम कर अपनी जेब में रख लिया. उसे अपने भीतर आत्मविश्वास की एक लहर सी दौड़ती महसूस हुई.
वह जब घर लौटा तो उसने देखा की उसके प्रशिक्षक उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. उसे बताया गया कि उसका कार्य क्षेत्र केवल तालिबान है. और यह तालिबान अब अफगानिस्तान में न होकर भारत के ढेर सारे शहरों में आज़ादी के साथ अपनी दाढी हिला रहा है. इतिहास के नवीनीकरण के साथ पोटो को यही शिक्षा दी जा रही थी. उसे बताया गया की भारत के मध्ययुगीन इतिहास में कितने पाकिस्तान घुसपैठियों की तरह धंसे बैठे हैं. आज के तालिबानों की दाढ़ी का हर बाल उनसे ऊर्जा प्राप्त कर रहा है. उसे आदेश दिया गया की वह नितांत चालाकी के साथ इस दाढी को क़तर कर साफ़ कर दे.
पोटो का चेहरा पसीने से तर हो गया. उसने अपने कन्धों से चार अतिरिक्त भुजाएं उगती देखीं. उसके माथे पर लगी तिलक की लकीरें गहरी और मोटी हो गयीं और उसकी दाढी अकस्मात घनी और लम्बी हो गई. उसे लगा की तालिबान उसके भीतर पूरी तरह घुस गया है. सामने की दीवार पर लगे आईने में अपनी सूरत देख कर वह स्तब्ध रह गया. वह हू-ब-हू तालिबान का हमशक्ल हो गया था. उसके होंठ हिले और वह आहिस्ता से बडबडाया - हिन्दू तालिबान.
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