स्वयं को जलाना।
दीप ने केवल इतनी ही शिक्षा दी
और कहा इसको किसी से मत बताना
वरना दूसरों के लिए
छोड़ देगा तपना ज़माना।
******************
युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.
******************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें