सब विगत वर्ष भी ,
दे रहे थे नए वर्ष की सबको शुभकामना.
वर्ष आया खिसक भी गया
थोडी उपलब्धियां भी हुईं,
किंतु जनता उसी तर्ह पिसती रही,
मार महंगाई की सह के टूटे घडे की तरह
नित्य रिसती रही.
बात इतनी ही होती तो कुछ भी न था,
वर्ष आया समापन पे जब,
दैत्य आतंक का देश की सरहदों में घुसा.
होटलों में घरों में घुसा.
बेगुनाहों की जानें गयीं.
खून सडकों पे,
स्टेशनों, अस्पतालों पे बहता दिखायी दिया.
इस गुज़रते हुए वर्ष के होंठ पर,
मौत का राग सबको सुनाई दिया.
फिर भी मैं
आने वाले नए वर्ष की,
भेंट करता हूँ शुभकामना
सिर्फ़ ये सोचकर,
ये दुआएं भी हैं साधना.
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बुधवार, 31 दिसंबर 2008
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7 टिप्पणियां:
सबसे पहले तो आप और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
बहोत ही खुबसूरत .
ढेरो बधाई आपको...
अर्श
एक अच्छी अभिव्यक्ति
आपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष 2009 की शुभकामनायें
नया साल आए बन के उजाला
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||
नूतन वर्ष मंगलमय हो |
नया वर्ष जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम
नया वर्ष नयी यात्रा के लिए उठे पहले कदम के नाम, सृजन की नयी परियोजनाओं के नाम, बीजों और अंकुरों के नाम, कोंपलों और फुनगियों के नाम
उड़ने को आतुर शिशु पंखों के नाम
नया वर्ष तूफानों का आह्वान करते नौजवान दिलों के नाम जो भूले नहीं हैं प्यार करना उनके नाम जो भूले नहीं हैं सपने देखना,
संकल्पों के नाम जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम!!!
नववर्ष की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। ये पंक्तियां मेरी नहीं हैं लेकिन मुझे काफी अच्छी लगती हैं।
आमीन।
Sabse alag thee aapki abhivaykti. Koshish rahe ki es detya ka vinash karne shiv shankar to phir pukar saken aap aur hum.
क्या हुआ? इतनी लंबी ख़ामोशी!
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