बुधवार, 30 जुलाई 2008

वक़्त के हाथ बहोत लंबे हैं / ज़ैदी जाफ़र रज़ा

चाँद सितारों की मईयत को
सूरज के ताबूत में रख कर
शाम के सूने कब्रिस्तान में गाड़ आते हैं
वक़्त के हाथ बहोत लंबे हैं
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