शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

शुभकामना

होली के सभी रगों में है प्यार की ख़ुश्बू
उत्साह भरे स्नेह की, सत्कार की ख़ुश्बू॥
घुल-मिल के हम आपस में हैं जब खेलते होली,
मिलती है हमें एक ही परिवार की ख़ुश्बू।।
सब ख़ुश हैं कि मन में नहीं कोई भी कलुशता,
नमकीन भी मीठी भी है त्योहार की ख़ुश्बू॥
वो भी कहीं रगों में नहाया हुआ होगा,
शामिल है हवाओं में मेरे यार की ख़ुश्बू॥
अन्तस से ये शुभकामना मैं भेज रहा हूं,
निश्चित हूं कि पाऊंगा मैं स्वीकार की ख़ुश्बू।।
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होली की शुभकामनाएं

7 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.


आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.

-समीर लाल ’समीर’

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

आप को होली की शुभ कामनाए !!

Mithilesh dubey ने कहा…

आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।

रानीविशाल ने कहा…

Aapko sapariwaar holi ki hardik shubhakaamanae!!

Vivek Ranjan Shrivastava ने कहा…

इक रंग में रंगी सेना , अच्छी नहीं लगती
खूनी न हों अंदाज , इस बार होली में !

Divya Narmada ने कहा…

होली का हर रंग दे, खुशियाँ कीर्ति समृद्धि.
मनोकामना पूर्ण हों, सद्भावों की वृद्धि..

स्वजनों-परिजन को मिले, हम सब का शुभ-स्नेह.
ज्यों की त्यों चादर रखें, हम हो सकें विदेह..

प्रकृति का मिलकर करें, हम मानव श्रृंगार.
दस दिश नवल बहार हो, कहीं न हो अंगार..

स्नेह-सौख्य-सद्भाव के, खूब लगायें रंग.
'सलिल' नहीं नफरत करे, जीवन को बदरंग..

जला होलिका को करें, पूजें हम इस रात.
रंग-गुलाल से खेलते, खुश हो देख प्रभात..

भाषा बोलें स्नेह की, जोड़ें मन के तार.
यही विरासत सनातन, सबको बाटें प्यार..

शब्दों का क्या? भाव ही, होते 'सलिल' प्रधान.
जो होली पर प्यार दे, सचमुच बहुत महान.

निर्मला कपिला ने कहा…

मैं युगविमर्श का लिन्क भूल गयी थी इस लिये क्षमा चाहती हूँ उम्र का तकाज़ा है। अब मैने लिन्क ब्लागलिस्ट मे लगा लिया है। आपको सपरिवार होली की शुभकामनायें