बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

ज़िन्दगी दी है तो ख़ुश रहना है

ज़िन्दगी दी है तो ख़ुश रहना है।
तेरी मरज़ी है तो ख़ुश रहना है॥

कभी तनहा नहीं करता महसूस,
साथ तू भी है तो ख़ुश रहना है॥

सख़्त-दिल होता तो शिकवा करता,
दिल में नरमी है तो ख़ुश रहना है॥

दीदए-नम है इनायत तेरी,
आँख भीगी है तो ख़ुश रहना है॥

जिस्मे-ख़ाकी में रगे-जान है तू,
जान तेरी है तो ख़ुश रहना है॥

मुझ में गोयाई तेरी ज़ात से है,
ये तसल्ली है तो ख़ुश रहना है॥
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2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

मुझ में गोयाई तेरी ज़ात से है,
ये तसल्ली है तो ख़ुश रहना है॥

-वाह!! बहुत उम्दा!!

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत ही उम्दा जज्बात लगें आपके ।