सोमवार, 3 नवंबर 2008

वह पराजित तर्क भी जीवित है आज.

वह पराजित तर्क भी जीवित है आज.
पक्ष अर्जुन का बहुत चर्चित है आज.
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कृष्ण उपदेशक हैं जिस कर्तव्य के,
रक्त से मानव के वह सिंचित है आज.
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देखिये पढ़कर महाभारत का अंत,
भावना क्या उसमें संदर्भित है आज.
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शोक में थे युद्ध के कारण अशोक,
हर कोई संहार से विचलित है आज.
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क्यों दया, करुणा, क्षमा को भूलकर,
आदमी हर क्षण बहुत चिंतित है आज.
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प्रेम में परमात्मा का वास है,
दुःख ये है, यह प्रेम परिसीमित है आज.
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