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मंगलवार, 11 नवंबर 2008

वह सुदर्शन हो न हो, अपना है यह कुछ कम नहीं.

वह सुदर्शन हो न हो, अपना है यह कुछ कम नहीं.
उसने मुझको ठीक से समझा है, यह कुछ कम नहीं.
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घर के बर्तन माजने से हाथ उसके हैं कठोर,
पर ह्रदय कोमल बहुत उसका है, यह कुछ कम नहीं.
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इस गृहस्ती को समझना था कठिन मेरे लिए,
उसने ख़ुद यह भार स्वीकारा है, यह कुछ कम नहीं.
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स्वप्न में भी, जागती आंखों से भी, प्रत्येक पल,
उसने केवल मुझको ही चाहा है, यह कुछ कम नहीं.
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वह किसी भी धर्म का हो, मुझको रखता है करीब,
उस से मेरा प्यार का रिश्ता है, यह कुछ कम नहीं.
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कुछ भी हो अच्छा-बुरा, दुःख-सुख, मैं उसके साथ हूँ,
कह चुका हूँ मैं कि वह मेरा है, यह कुछ कम नहीं.
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आती हैं कठिनाइयाँ जब भी, वही आता है काम,
उसके होने से बहुत सुविधा है, यह कुछ कम नहीं.
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