ग़ज़ल / ज़ैदी जाफ़र रज़ा / ज़बाँ पे क़ुफ़्ल लगा लो. लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शनिवार, 17 जनवरी 2009

ज़बाँ पे क़ुफ़्ल लगा लो. तो खुश रहेंगे सभी.

ज़बाँ पे क़ुफ़्ल लगा लो. तो खुश रहेंगे सभी.
नज़रिया अपना दबा लो, तो खुश रहेंगे सभी.
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जहाँ भी जैसा भी होता है उसको होने दो,
निगाह अपनी हटा लो, तो खुश रहेंगे सभी.
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जो पढ़ सको तो पढो नब्ज़ अक्सरीयत की,
वही मिज़ाज बना लो, तो खुश रहेंगे सभी.
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ग़लत सहीह की परवाह करना है बेसूद,
सभी के साथ मज़ा लो, तो खुश रहेंगे सभी.
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ग़लाज़तें भी नज़र आयें तो ख़मोश रहो,
तुम उनपे ख़ाक न डालो, तो खुश रहेंगे सभी.
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