सोमवार, 15 जून 2009

सभी आबद्ध उत्तर-आधुनिक अनुशासनों से हैं.

सभी आबद्ध उत्तर-आधुनिक अनुशासनों से हैं.
ये सच्चाई है सब की सोच के आयाम बदले हैं.

चढाते थे कभी श्रद्धा से गंगाजल जो सूरज को,
उन्हीं हाथों ने उसकी ऊर्जा के मार्ग खोजे हैं.

स्वयं मैं अक्षरों को पढ़ना चाहूँ पढ़ नहीं सकता,
मेरी जीवन कथा के पृष्ठ सब पानी में डूबे हैं.

कलाओं में कोई लालित्य कैसे ढूंढ पायेगा,
फलक की भंगिमाओं के सभी तेवर अनोखे हैं.

अहिंसा शब्द सुनने में बहोत अच्छा सा लगता है,
मगर व्यवहार में हिंसा के हर सू बोलबाले हैं.

ये शैक्षिक योग्यताएं सांसदों को कब अपेक्षित हैं,
वो शिक्ष और है जिस से चुनावों में वो जीते हैं.

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1 टिप्पणी:

गौतम राजऋषि ने कहा…

"कलाओं में कोई लालित्य कैसे ढूंढ पायेगा,
फलक की भंगिमाओं के सभी तेवर अनोखे हैं"

क्या बात कही है, सर !