युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शुक्रवार, 7 नवंबर 2008

पानी, मिटटी, आग, हवा सब, जिस्म में यकजा-यकजा हैं.

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पानी, मिटटी, आग, हवा सब, जिस्म में यकजा-यकजा हैं. इनके साथ में रहकर भी हम, इनसे अलग क्यों तनहा हैं. ******* साहिल से कुछ लोग बजाहिर, देख रहे...
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