युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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रविवार, 11 अप्रैल 2010

निशा नीरव भी है निस्पन्द भी है / نشا نیرو بھی ہے نسپند بھی ہے

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निशा नीरव भी है निस्पन्द भी है। कि मन स्थिर भी है निर्द्वन्द भी है॥ वो मनमानी भी कर लेता है अक्सर, वो मर्यादाओं का पाबन्द भी है॥ समय ठहरा न...
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