युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

शैलेश ज़ैदी के विचार / धर्म परिवर्तन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008

धर्म परिवर्तन पर प्रतिबन्ध क्यों ?

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कोई भी मनुष्य अपनी पीठ पर अपने धर्म का ठप्पा लगवाकर जन्म नहीं लेता। यह उसके माँ-बाप होते हैं जो पीढियों से चले आ रहे अपने धर्म में उसे ढाल ल...
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