युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

शुभकामना

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होली के सभी रगों में है प्यार की ख़ुश्बू । उत्साह भरे स्नेह की, सत्कार की ख़ुश्बू॥ घुल-मिल के हम आपस में हैं जब खेलते होली, मि लती है हम...
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