युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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मंगलवार, 10 जून 2008

शैलेश ज़ैदी के दोहे

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बादल से सम्पर्क मैं करता झरनों से संवाद साथ जो होती गाँव की गोरी, मैं होता आज़ाद गदराया गदराया, सुंदर सेबों का यह पेड़ मेरे गिर्द बनाता क्यों...
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