युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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मंगलवार, 4 मार्च 2008

सूरदास के रूहानी नगमे

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इस शीर्षक से सूरदास के चुने हुए एकसौ एक पदों का आज की भाषा में पद्यानुवाद शैलेश जैदी ने किया है जो पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है. हिन्द...
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