युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

नारीजन्य-अनुभूति की उर्दू कवयित्री शाइस्ता जमाल / शैलेश ज़ैदी

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नारीजन्य-अनुभूति की उर्दू कवयित्री शाइस्ता जमाल शाइस्ता जमाल में शाइस्तगी यानी एक संतुलित गांभीर्य भी है और जमाल यानी सौन्दर्य भी।रूप का आकर...
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