युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

नज़्म /नसीम सैयद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
नज़्म /नसीम सैयद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 24 अगस्त 2008

गुज़र अवक़ात /नसीम सैयद

›
शमअ के साथ युंही रात पिघलती जाए एक-एक पल मेरे एहसास के कशकोल में गिरता जाए आज खैरात पे माएल है मुहब्बत की नज़र आज ये कासए-उम्मीद छलक जाने दो ...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
Blogger द्वारा संचालित.