युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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रविवार, 24 अगस्त 2008

दायरा / मुस्तफ़ा शहाब

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एक बूढा सा तनावर पीपल जिसके साए में सड़क जाती है वो उसी पेड़ के नीचे से हमेशा अपना सर झुकाए हुए चुप-चाप गुज़र जाता है. उसने ये भी नहीं मालूम ...
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