युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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बुधवार, 27 अगस्त 2008

तितलियाँ पकड़ने को / नोशी गीलानी

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कितना सह्ल जाना था खुशबुओं को छू लेना बारिशों के मौसम में, शाम का हरेक मंज़र घर में क़ैद कर लेना रौशनी सितारों की मुट्ठियों में भर लेना ...
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