युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

ख़ुदा का पहिया / शेल सिल्वरस्टीन / तर्जुमा : ज़ैदी जाफ़र रज़ा

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ख़ुदा का पहिया मुहब्बत आमेज़ मुस्कुराहट के साथ मुझसे ख़ुदा ने पूछा था चन्द लमहों को तुम ख़ुदा बन के इस जहाँ को चलाना चाहोगे ? म...
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