युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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मंगलवार, 19 जनवरी 2010

इमकान / ज़ैदी जाफ़र रज़ा

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इमकान हवा के दोश पे उड़ते ये बादलों के गिरोह घना सियाह अंधेरा है जिन के दामन में न उड़ के जायें कहीं उन पहाड़ियों की तरफ़ नहा के ज़ुल्फ़ें व...
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