युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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रविवार, 11 अप्रैल 2010

खो जाता है मन क्यों बाल कथाओं में

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खो जाता है मन क्यों बाल कथाओं में। जादू सा है कथा सुनाती माओं में॥ परियों की संगत में उड़ता रहता हूं, पंख से जुड़ जाते हैं मेरे पाओं में॥ उड...
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