युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल : शैलेश ज़ैदी : उन्हें इतिहास का हर शब्द लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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रविवार, 14 दिसंबर 2008

ग़ज़ल : शैलेश ज़ैदी : उन्हें इतिहास का हर शब्द झुठलाना लगा अच्छा.

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उन्हें इतिहास का हर शब्द झुठलाना लगा अच्छा. जो पैमाना था उनका, बस वो पैमाना लगा अच्छा. ******* वतन कहते थे जब हम, आतंरिक सद्भाव था उसमें, हु...
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