युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल /शैलेश ज़ैदी / हम समय के साथ लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शनिवार, 24 जनवरी 2009

हम समय के साथ जीवन भर न एकस्वर हुए.

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हम समय के साथ जीवन भर न एकस्वर हुए. मन से जो भी प्रेरणा पायी उधर तत्पर हुए. बिक रही थीं आस्थाएं धर्म के बाज़ार में, ले गये जो मोल, कल ऊंचे उन...
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