युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल / ज़ैदी जाफ़र रज़ा / हाथ मेरा थाम कर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

हाथ मेरा थाम कर परछाइयां ले जायेंगी.

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हाथ मेरा थाम कर परछाइयां ले जायेंगी. ज़ह्न की ये वादियाँ जाने कहाँ ले जायेंगी. ज़ुल्मतों के दरमियाँ से मंज़िलों तक एक दिन, है यकीं मुझको मेरी ...
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