युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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सोमवार, 29 दिसंबर 2008

ये खलिश कैसी है क्यों क़ल्ब तड़पता सा लगे.

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ये खलिश कैसी है क्यों क़ल्ब तड़पता सा लगे. सामने बैठा हुआ शख्स कुछ अपना सा लगे. ******* जानता हूँ मैं कभी उससे कहीं भी न मिला, बात फिर क्या ...
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