युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल / ज़ैदी जाफ़र रज़ा / मेरा ख़याल वो लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शनिवार, 7 फ़रवरी 2009

मेरा ख़याल वो ख़ुद से भी ज़्यादा रखती है.

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मेरा ख़याल वो ख़ुद से भी ज़्यादा रखती है. मिसाल उसकी नहीं है, वो मेरी बेटी है. यक़ीन आपको आये न आये सच है यही, उसी ने मुझको ये जीने की रोशनी दी...
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