युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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बुधवार, 27 अगस्त 2008

कब कहा मैंने / ज़ैदी जाफ़र रज़ा

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कब कहा मैंने कि वो लालो-गुहर मांगता है. इश्क़ की राह में मुझसे मेरा सर मांगता है. इस ज़मीं पर नहीं उसकी कहीं कोई भी मिसाल वो मगर हुस्न परखने...
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