युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शुक्रवार, 5 सितंबर 2008

दूध जैसा झाग / हसन अकबर कमाल

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दूध जैसा झाग, लहरें, रेत, प्यारी सीपियाँ। कैसा चुनती फिर रही हैं मोतियों सी लड़कियाँ। बाग़ में बच्चों के गिर्दो-पेश मंडलाती हैं यूँ जैसे अपन...
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