युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल / शैलेश ज़ैदी / समन्दरों ने कहा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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गुरुवार, 15 जनवरी 2009

समन्दरों ने कहा सब हवाएं बांधते हैं.

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समन्दरों ने कहा सब हवाएं बांधते हैं. उडानें भर के मधुर कल्पनाएँ बांधते हैं. ******* यथार्थ से हैं बहुत दूर इस शहर के लोग, जो बंध न पायीं कभी...
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