युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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गुरुवार, 11 दिसंबर 2008

मुख्यधारा से इतर जितना भी जल सागर में है.

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मुख्यधारा से इतर जितना भी जल सागर में है. वह भी सागर ही है, वह प्रत्येक पल सागर में है. ******* मुख्य धारा में कभी मोती कोई मिलाता नहीं, गह...
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