युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शनिवार, 18 अप्रैल 2009

प्रयास मन कभी ऐसे अनर्थ का न करे.

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प्रयास मन कभी ऐसे अनर्थ का न करे. के सुन के बांसुरी, गोकुल की कल्पना न करे. मैं उसके प्यार को मन में उतार बैठा हूँ, दवा ये ऐसी नहीं है जो फ़ा...
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