युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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मंगलवार, 9 दिसंबर 2008

दीप से दीप जलने की संभावना अब नहीं रह गई.

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दीप से दीप जलने की संभावना अब नहीं रह गई. चित्त में प्रज्ज्वलित थी जो संवेदना अब नहीं रह गई. ******* आरती के सभी शब्द अधरों पे ही नृत्य करत...
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