युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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बुधवार, 24 दिसंबर 2008

कोई शिकवा कोई उलझन, इधर भी है, उधर भी है.

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कोई शिकवा कोई उलझन, इधर भी है, उधर भी है. बहुत कड़वा कसैलापन, इधर भी है, उधर भी है. ******* गँवाए हैं बड़े बहुमूल्य माँ के लाल दोनों ने, जन...
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