युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल / शैलेश ज़ैदी / इससे पहले कि घटा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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सोमवार, 16 फ़रवरी 2009

इससे पहले कि घटा आके यहाँ छा जाये.

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इससे पहले कि घटा आके यहाँ छा जाये. घर का बिखरा हुआ सामन समेटा जाये. कोई अनजाना सा भय बैठ न जाये मन में, किसी बच्चे को कभी इतना न डांटा जाये....
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