युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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सोमवार, 26 अप्रैल 2010

आँखें चित्र-पटल होती हैं

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आँखें चित्र-पटल होती हैं। इसी लिए चंचल होती हैं। जब भी चित्त व्यथित होता है, ये भी साथ सजल होती हैं॥ मेरी, उसकी सबकी आँखें, ठेस लगे, विह्वल ...
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