युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

ग़ज़ल / शिअलेश ज़ैदी / जब हवाएं शिथिल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

जब हवाएं शिथिल पड़ गयीं

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जब हवाएं शिथिल पड़ गयीं। मान्यताएं शिथिल पड़ गयीं॥ ऐसे साहित्य कर्मी जुड़े, संस्थाएं शिथिल पड़ गयीं॥ शून्य उत्साह जब हो गया, भावनाएं शिथिल प...
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