युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2008

वो एक शोर सा ज़िन्दाँ में रात भर क्या था / शमीम हनफ़ी

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वो एक शोर सा ज़िन्दाँ में रात भर क्या था। मुझे ख़ुद अपने बदन में किसी का डर क्या था। ******* कोई तमीज़ न की खून की शरारत ने, इक अबरो-बाद का तू...
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