युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शनिवार, 20 सितंबर 2008

किसी-किसी की तरफ़ / रईस फ़रोग

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किसी-किसी की तरफ़ देखता तो मैं भी हूँ। बहोत बुरा न सही, पर बुरा तो मैं भी हूँ। खरामे-उम्र तेरा काम पायमाली है, मगर ये देख तेरे ज़ेरे-पा तो मै...
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