युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2008

नावक अंदाज़ जिधर दीदए-जानां होंगे / मोमिन खां मोमिन [पुरानी शराब]

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नावक-अंदाज़ जिधर दीदए-जानां होंगे। नीम बिस्मिल कई होंगे, कई बेजाँ होंगे। ***** ताबे-नज़्ज़ारा नहीं आइना क्या देखने दूँ, और बन जायेंगे तस्वीर ज...
3 टिप्‍पणियां:
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