युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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बुधवार, 14 अप्रैल 2010

फ़िज़ा में आइनों के अक्स जब दम तोड़ देते हैं

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फ़िज़ा में आइनों के अक्स जब दम तोड़ देते हैं। रुपहले ख़्वाब सब थक हार कर हम तोड़ देते हैं॥ लिए मजबूरियाँ हम दर-ब-दर फिरते हैं बस्ती में, कभी...
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