युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शनिवार, 1 नवंबर 2008

जितनी चाहो नफरतें हमसे करो क्या पाओगे

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जितनी चाहो नफरतें हमसे करो क्या पाओगे. हम वो हैं हमको हमेशा मुस्कुराता पाओगे. ******* खून के धब्बे हैं दामन पर बदल डालो लिबास, वरना दुनिया क...
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