युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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रविवार, 12 अक्टूबर 2008

है जुस्तुजू कि खूब से है खूबतर कहाँ./ अल्ताफ़ हुसैन हाली [1837-1914]

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है जुस्तुजू कि खूब से है खूबतर कहाँ। अब देखिये ठहरती है जाकर नज़र कहाँ। ***** यारब इस इख्तिलात का अंजाम हो बखैर, था उसको हमसे रब्त, मगर इस कद...
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