युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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बुधवार, 28 मई 2008

अक़लीमे-एहसास / ज़ैदी जाफ़र रज़ा

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या खुदा ! तेरी हम्दो-सना से हमेशा मुझे आब्नूसी फ़जाओं में रहकर भी शफ्फाफ़ो-पुर्नूर अफ़कार की राह मिलती रही. मैंने मायूसियों के समंदर की मौजों...
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