युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

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शनिवार, 23 अगस्त 2008

स्वागत! / सुधीर सक्सेना 'सुधि'

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दूर मैदान में बनी झोंपड़ी की टूटी-फूटी छ्त से पंछियों से भरा आसमान दीखता है. पंछियों की चहचहाहट सुनती लेटी हुई बीमार माँ पूछती है अपनी लड़की ...
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