युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش

युग-विमर्श हिन्दी उर्दू की साहित्यिक विचारधारा के विभिन्न आयामों को परस्पर जोड़ने और उन्हें एक सर्जनात्मक दिशा देने का प्रयास है.इसमें युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका अपेक्षित है.आप अपनी सशक्त रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं.

आलेख लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आलेख लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बुधवार, 4 जून 2008

सूफ़ी दोहे / प्रो. शैलेश ज़ैदी

›
हिन्दी सूफ़ी काव्य का अध्ययन केवल प्रेमाख्यानाकों के प्रकाश में किया गया. कुछ तो जानकारी की कमी और कुछ उसके प्रति विशेष लगाव का न होना इस अध्...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
Blogger द्वारा संचालित.