tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post7170531590476551156..comments2023-08-03T08:13:15.576-07:00Comments on युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش: क्या ज़माना आ गया है / माजिद अल-बाक़रीयुग-विमर्शhttp://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-47399779260343045922008-09-16T15:46:00.000-07:002008-09-16T15:46:00.000-07:00बस्तियों को तोड़ देता है घरौंदों की तरह,ये बुढापा भ...बस्तियों को तोड़ देता है घरौंदों की तरह,<BR/>ये बुढापा भी मुझे इंसान का बचपन लगे।<BR/><BR/><BR/>कोरे कागज़ पर लकीरों के घने जंगल तो हैं,<BR/>आज का लिखा हुआ कल के लिए ईंधन लगे।<BR/><BR/>--क्या बात है माजिद साहेब को पढ़कर आनन्द आ गया. आपका बहुत आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-38977208735225548162008-09-16T01:17:00.000-07:002008-09-16T01:17:00.000-07:00माजिद साहब की गजल पढवाने का शुक्रिया। यह शेर तो बह...माजिद साहब की गजल पढवाने का शुक्रिया। यह शेर तो बहुत ही प्यारा लगा-<BR/>कोरे कागज़ पर लकीरों के घने जंगल तो हैं,<BR/>आज का लिखा हुआ कल के लिए ईंधन लगे।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-34850898685969306972008-09-15T21:49:00.000-07:002008-09-15T21:49:00.000-07:00छुपके जब साया जड़ों में बैठ जाए पेड़ की,उजड़ी-उजड़ी ड...छुपके जब साया जड़ों में बैठ जाए पेड़ की,<BR/>उजड़ी-उजड़ी डालियों का सिलसिला गुलशन लगे।<BR/>धूप में बे-बर्ग माजिद हो गई शाखे-सदा,<BR/>वो उमस है जून की गर्मी में भी सावन लगे।<BR/><BR/>बहुत ख़ूब...शानदार...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.com