tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post7161167057955103702..comments2023-08-03T08:13:15.576-07:00Comments on युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش: सूरदास के रूहानी नग़मे / शैलेश ज़ैदी [क्रमशः 8]युग-विमर्शhttp://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-60878834358314041432008-10-28T12:47:00.000-07:002008-10-28T12:47:00.000-07:00बहुत अच्छा प्रयास। थोड़ी और काव्यात्मकता का पुट हो...बहुत अच्छा प्रयास। थोड़ी और काव्यात्मकता का पुट हो तो आनन्द ही आ जाए। मैं पहले आपके यहां पत्रकार था और अमुवि बीट ही कवर करता था लेकिन संयोग से मुलाकात नहीं हो पाई। जैदी साहिब कभी आना हुआ तो आपसे मुलाकात करूंगा।वेद रत्न शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07181302813441650742noreply@blogger.com